
बिहार में चुनावी नतीजों के बाद सियासत शांत होने की बजाय एक बार फिर पोस्टर पॉलिटिक्स गरमा गई है।
चुनाव से पहले जहां RJD और Congress ने पोस्टर और AI वीडियो के जरिए BJP पर तीखे हमले किए थे, अब महीनों बाद BJP ने पलटवार का मोर्चा खोल दिया है।
इस बार निशाने पर हैं— नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
‘लापता तेजस्वी यादव’ पोस्टर क्या है मामला?
Bihar BJP ने अपने आधिकारिक Facebook पोस्ट के जरिए एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें तेजस्वी यादव को “लापता” बताया गया है।
पोस्टर का संदेश साफ है— चुनाव खत्म होने के बाद नेता प्रतिपक्ष ज़मीन पर नहीं, पोस्टर पर दिख रहे हैं।
हालांकि पोस्टर में सीधे शब्दों में आरोप नहीं, लेकिन राजनीतिक तंज पूरा है।
BJP का मैसेज: चुनाव बाद जिम्मेदारी कहां?
BJP समर्थकों का कहना है कि— चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव हर मंच पर थे। नतीजों के बाद जनता के बीच उनकी मौजूदगी कम दिखी। नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद सरकार पर दबाव नहीं बना पा रहे।
यहीं से BJP ने symbolic attack का रास्ता चुना—पोस्टर।

RJD की रणनीति का जवाब या सियासी बदला?
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह पोस्टर— चुनावी हार-जीत से ज्यादा। narrative control की लड़ाई है।
“पहले पोस्टर से चुनाव लड़े गए, अब पोस्टर से विपक्ष खोजा जा रहा है।”
Social Media पर Reaction तेज
पोस्टर सामने आते ही— BJP समर्थकों ने इसे sharp political satire बताया। RJD समर्थकों ने low-level politics करार दिया। Neutral users बोले—“बिहार में पोस्टर कभी आउट ऑफ फैशन नहीं होते”।
बिहार की राजनीति में यह साफ हो चुका है कि— चुनाव खत्म होने के बाद भी सियासत खत्म नहीं होती। और जब भाषण थमते हैं, तब पोस्टर बोलने लगते हैं।
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